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रविवार, 26 जून 2011

अस्पताल और दवाई के दुकान पडोसी होते हैं काहे ....आज की पाती




पहले आप इस कटिंग को पढिए । इसमें जिस हेडगेवार अस्पताल की खबर है उस अस्पताल की जो कि अभी हाल ही में पूर्वी दिल्ली के कडकडडूमा क्षेत्र में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में खोला गया है ,और इसकी एक दीवार , केंद्रीय स्वास्थय निदेशालय , दिल्ली सरकार का दफ़्तर है । यानि दिए तले ....आप पहले खबर पढिए 





इसके बाद हमने सोचा आजकल सरकार सुने हैं कि अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए आम लोगों से उपाय पूछ रही है तो हम भी क्यों न मंत्री जी के नाम एक आम आदमी की चिट्ठी भेज ही डालें , पढिए देखिए ठीक लिखा न ..





5 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा है आप अलग अलग लोगों को चिट्ठी लिखते हैं। एक ही को रोज लिखने लगें तो आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मुकदमे में फँसाए जा सकते हैं।

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  2. चुपचाप देखने की बजाय ऐसा प्रयास करना बहुत अच्छा है।
    बाकी जवाब आयेगा तो ऐसा ही आयेगा कि ’जाँच चल रही है, सख्ती से निबटा जायेगा, दोषियों को सजा दी जायेगी, आदि आदि।

    आपकी तरफ़ से सार्थक कदम।

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  3. ajay bhai aapke is kadam me hum bhi hai saath me ..aur sanjay bhai ne bilkul sahi kaha hai

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  4. pehle medicalsuvidha kam thi to ilaaj karwana mushkil pad jata tha, ab bhi kamowesh wahi baat hai... pahunch ke bahar...

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आप मुझे इस मिशन के लिए रास्ता दिखाते रहिएगा .....मुझे इसकी जरूरत है