ये एक आम आदमी की मुहिम है जिसे नाम दिया है ..एक चिट्ठी । एक चिट्ठी जो रोज़ खोलेगी सरकार की आंख , एक चिट्ठी जो बताएगी कि आम आदमी ने क्या देखा , एक चिट्ठी जो बेशक रोज़ न पढी जाती हो , लेकिन लिखी रोज़ जाएगी …और उसे यकीन है कि एक न एक दिन वो जरूर पढी जाएगी
एक चिट्ठी
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " आत्मबल की शक्ति - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आप मुझे इस मिशन के लिए रास्ता दिखाते रहिएगा .....मुझे इसकी जरूरत है
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " आत्मबल की शक्ति - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएं