आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय ,
सदर अभिवादन | इस पत्र के माध्यम से मैं , एक सुझाव आपके अवलोकनार्थ संज्ञान में लाना चाहता हूँ |
महोदय , देश भर के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय ,विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक व् माध्यमिक विद्यालयों में ,बच्चों की बुनियादी शिक्षा और शारीरिक व् मानसिक विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों में प्रतिबद्धता की घोर कमी दिखाई देती है | जबकि दूसरी तरफ सरकारें व् प्रशासन अपना श्रम , धन व् योजनाओं के व्यवय में कोइ कोर कसर नहीं रखती |
महोदय, इस परिप्रेक्ष्य में एक सुझाव यह है कि हमारे पास अवकाश प्राप्त भूतपूर्व सैनिकों का एक बड़ा समूह इस कार्य के लिए सर्वथा उपयुक्त है यदि प्रत्यीक ग्रामीण विद्यालय में एक पूर्व सैनिक से स्कूल पर्यवेक्षक के रूप में श्रमदान का सहयोग लिया जा सकता है क्या ?? इससे न सिर्फ विद्यालय प्रशासन स्थिर हो सकेगासाथ ही फ़ौज का अनुशासन , राष्ट्र प्रेम , दृढ़ता , निडरता तथा आपसी सहभागिता जैसे नैसर्गिक व् चारित्रिक गुणों का भी विकास स्वाभाविक रूप से व उचित समय पर हो सकेगा | स्वयं भूतपूर्व सैनकों के लिए ये चुनौती एक सुअवसर की तरह होगी |
अत; आपके अवलोकनार्थ यह पात्र प्रस्तुत है कृपया संज्ञान में लेने की कृपा करें |
एक नागरिक
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आप मुझे इस मिशन के लिए रास्ता दिखाते रहिएगा .....मुझे इसकी जरूरत है