ये एक आम आदमी की मुहिम है जिसे नाम दिया है ..एक चिट्ठी । एक चिट्ठी जो रोज़ खोलेगी सरकार की आंख , एक चिट्ठी जो बताएगी कि आम आदमी ने क्या देखा , एक चिट्ठी जो बेशक रोज़ न पढी जाती हो , लेकिन लिखी रोज़ जाएगी …और उसे यकीन है कि एक न एक दिन वो जरूर पढी जाएगी
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शुक्रवार, 20 मई 2011
आज की चिट्ठी ....एक डाग्दर बाबू के नाम
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कितने वर्षों बाद आज आप की बदौलत हमने आज अंतर्देशीय पत्र देखा है।
जवाब देंहटाएंभाई,इन खतों का जवाब आने की जिम्मेदारी तो नहीं उठा सकता पर एक-आध पोस्ट-कार्ड का पैसवा हमसे ले लेना !
जवाब देंहटाएंडटे रहो
जवाब देंहटाएंएक सही प्रयास!
जवाब देंहटाएंसार्थक और सद्प्रसास
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट .
जवाब देंहटाएंdak babu ka dagther babu ke nam ki chitthi......
जवाब देंहटाएंbakai, sundar prayas
pranam.