कल जब इस पोस्ट पर मैंने लिखा था कि एक बार फ़िर से मैं एक आम आदमी की एक नई मुहिम शुरू करने जा रहा हूं , यानि एक चिट्ठी रोज़ , किसी न किसी मुद्दे पर , किसी न किसी समस्या पर , कोई सुझाव, सलाह ,शिकायत के रूप में सरकार और प्रशासन के लिए लिखी जाएगी तो मुझे बहुत सी प्रतिक्रियाएं मिलीं । मैं आश्वस्त हूं कि इन पर देर से ही सही मगर कार्यवाहियों की शुरूआत होती है । उसी पोस्ट पर आदरणीय समीर जी ने टिप्पणी दी कि
- अच्छा विचार है, जारी रखिये. एक नया ब्लॉग खोल कर उस पर रोज पत्र स्कैन करके भी लगाते रहे....बाद में अपडेट करने के काम भी आयेगा यदि कार्यवाही होती है या जबाब आता है. पत्र में उस ब्लॉग पते का जिक्र भी करें ताकि उन्हें पता रहे कि बात जग जाहिर है.
अरे वाह ये तो शानदार तरीका है.यानि.........पत्र लिखने का काम मैं भी बरसों से कर रही हूँ किन्तु ब्लॉग के द्वारा इनका रिकोर्ड रखा जा सकता है ये तो सोचा ही नही था.मेरे पत्र के आधार पर राजस्थान में कई नए नियम बनाये गये.उनके बन जाने पर सेकडों लोग क्रेडिट लेने आ जाते.मेरे लिए यही संतुष्टि का कारण होता कि क्रेडिट कोई भी ले जो मैं चाहती थी वो परिवर्तन सरकार ने किये.मेरा उद्देश्य पूरा हुआ.
जवाब देंहटाएंअजय! आप अपने राजधानी के सम्बंधित सचिवालय के पब्लिक ओपिनियन सेल में भी पत्र कीई एक कोपी भेजिए.महीने में एक /दो बार इन पत्रों को लेके मीटिंग्स रखी जाती है.विचारणीय बिंदुओं पर चर्चा होती है.बात में दम होने पर नियमों में परिवर्तन भी किया जाता है.
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया का इस मामले में कोई जवाब नही था.एक दो बार तो ऐसा भी हुआ कि फोन पर नोट कराने के पन्द्रह दिन के भीतर नियम-परिवर्तन की खबर अखबारों में आ जाती थी.
दमदार पोइंट्स होने पर सी.एम् स्वयं फोन भी करती थी.
ब्लॉग में लिखने या सड़क पर खड़े हो कर प्रशासन को कोसने से बेहतर तरीका यही है कि हम सुझाव देन कि 'फलां' मामले में बेहतर क्या होना चाहिये ?'
हर राज्य की राजधानी में हर विभाग का एक पब्लिक ओपिनियन सेल होता है.हमें उन्हें लिखित में देना चाहिये.कम से कम हम अपना कर्त्तव्य तो पूरा करें.सही तरीके से प्रोपर चेनल के थ्रू हम अपनी बात आगे तक तो पहुंचाएं.खुशी हुई इस ब्लॉग को देख कर.शुभकामनाये ले लो भाई एक अच्छा काम कर रहे हो और जागरूक नागरिक का फर्ज भी अदा कर रहे हो.
वाह पहली टिप्पणी ही इतनी शानदार आई है कि मुझे अब इस ब्लॉग की सार्थकता सिद्ध होती सी लग रही है । आपकी सलाह और मार्गदर्शन की जरूरत मुझे हमेशा ही रहेगी और आपने फ़ोन पर जो भी सुझाव दिए हैं उन्हें ध्यान रखते हुए अब इस लडाई को और भी आगे तक ले जाने में मुझे बहुत सहायता मिलेगी । एक बार पुन: शुक्रिया आपका
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई अजय भाई... बेहद सार्थक प्रयास...
जवाब देंहटाएंकृपया शब्द पुष्टिकरण हटा दें और नाम और यू आर एल से टिप्पणी की सुविधा चालू करें जिससे वर्डप्रेस वालों को आसानी होती है
शुक्रिया पद्म भाई आपके आदेशानुसार सेटिंग्स कर दी गई हैं । पुन: आभार
जवाब देंहटाएंअजय भाई बहुत बहुत बधाई, इससे पता चलता है कि एक अकेला व्यक्ति कैसे क्रांति ला सकता है। तहेदिल से बधाई...
जवाब देंहटाएंप्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक के बीच स्कैनिंग अथवा फोटो और वीडियो ऐसे माध्यम हैं जो वर्चुअल वर्ल्ड की साख को बढ़ाते हैं।
जवाब देंहटाएंछोटा सा पोस्टकार्ड धमाका करने की ताकत रखता है और नेट पर इसकी कॉपी दुनिया भर में इसकी गूंज सुना सकती है।
बेहतरीन कांबिनेशन.... इसे कम्युनिटी ब्लॉग क्यों नहीं बना दिया जाए। पहले पहल खुद झाजी मॉडरेशन रखें बाद में रिलाएबल लोगों को खुद ही पोस्ट करने दिया करें।
केन्द्र और राज्य सरकार के सामने डण्डा लेकर खड़ा हो सकने वाला ब्लॉग बन जाएगा :)
आपने मेरी बात का इतना मान रखा...बहुत आभार इस स्नेह का.
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक पहल है. अनेक शुभकामनाएँ.
बहुत बहुत बधाई अजय भाई... बेहद सार्थक प्रयास...
जवाब देंहटाएंआपकी सलाह और सुझाव सर माथे ..ये ब्लॉग पूरे ब्लॉग समुदाय का है ..जब चाहे इसमें शामिल हो जाएं । आप बस मुझे मेल करके सहमति दें , मैं आमंत्रण भेज दूंगा .स्नेह बनाए रखें
जवाब देंहटाएंइस भागीरत प्रयास पर ढेरो शुभकामनाये
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