जैसा कि आप जानते हैं कि ,मैं समय समय पर सरकार प्रशासन व सम्बंधित अधिकारियों /विभागों को मुझ सहित आम जन को हो रही असुविधा और समस्याओं को लिखे जा रहे इन पत्रों में न सिर्फ उनकी ओर इंगित करता हूँ बल्कि अपने विचार/सुझाव भी उन तक प्रेषित करता हूँ | अक्सर इन पर संज्ञान लेकर कार्यवाही भी होती और मुझे पत्र पर प्रतिक्रिया भी मिलती है |आज ऐसी ही एक समस्या को लेकर यह पत्र प्रस्तुत है
एक चिट्ठी
ये एक आम आदमी की मुहिम है जिसे नाम दिया है ..एक चिट्ठी । एक चिट्ठी जो रोज़ खोलेगी सरकार की आंख , एक चिट्ठी जो बताएगी कि आम आदमी ने क्या देखा , एक चिट्ठी जो बेशक रोज़ न पढी जाती हो , लेकिन लिखी रोज़ जाएगी …और उसे यकीन है कि एक न एक दिन वो जरूर पढी जाएगी
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शनिवार, 1 सितंबर 2018
रात में हो कचरा संकलन और निस्तारण
लेबल:
आज की चिट्ठी,
एक चिट्ठी,
नाली की सफ़ाई,
वकालत
मंगलवार, 4 अक्तूबर 2016
प्रतिमाओं की दुर्दशा - राष्ट्रीय प्रतिमा निर्माण एवं रख रखाव नीति की मांग
शनिवार, 24 सितंबर 2016
स्कूलों में फौजियों की नियुक्ति ...
आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय ,
सदर अभिवादन | इस पत्र के माध्यम से मैं , एक सुझाव आपके अवलोकनार्थ संज्ञान में लाना चाहता हूँ |
महोदय , देश भर के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय ,विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक व् माध्यमिक विद्यालयों में ,बच्चों की बुनियादी शिक्षा और शारीरिक व् मानसिक विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों में प्रतिबद्धता की घोर कमी दिखाई देती है | जबकि दूसरी तरफ सरकारें व् प्रशासन अपना श्रम , धन व् योजनाओं के व्यवय में कोइ कोर कसर नहीं रखती |
महोदय, इस परिप्रेक्ष्य में एक सुझाव यह है कि हमारे पास अवकाश प्राप्त भूतपूर्व सैनिकों का एक बड़ा समूह इस कार्य के लिए सर्वथा उपयुक्त है यदि प्रत्यीक ग्रामीण विद्यालय में एक पूर्व सैनिक से स्कूल पर्यवेक्षक के रूप में श्रमदान का सहयोग लिया जा सकता है क्या ?? इससे न सिर्फ विद्यालय प्रशासन स्थिर हो सकेगासाथ ही फ़ौज का अनुशासन , राष्ट्र प्रेम , दृढ़ता , निडरता तथा आपसी सहभागिता जैसे नैसर्गिक व् चारित्रिक गुणों का भी विकास स्वाभाविक रूप से व उचित समय पर हो सकेगा | स्वयं भूतपूर्व सैनकों के लिए ये चुनौती एक सुअवसर की तरह होगी |
अत; आपके अवलोकनार्थ यह पात्र प्रस्तुत है कृपया संज्ञान में लेने की कृपा करें |
एक नागरिक
शुक्रवार, 23 सितंबर 2016
बेटी बचाओ और अभी बचाओ
लेबल:
आज की चिट्ठी,
दिल्ली सरकार,
न्यायपालिका
बुधवार, 21 सितंबर 2016
बच्चे इस देश में खो गए
ये मुहिम है एक आम नागरिक की , अपने स्तर पर अपने आस पास , अपने संज्ञान में जो भी जब भी जरूरी लगता है और बिना ये सोचे कि वो कितना प्रायोगिक है अथवा उसपर कभी कितनी कार्यवाही होगी अपने कर्तव्य रूप में पत्र के माध्यम से उन जन प्रतिनिधियों तक पहुंचाने की कोशिश जरूर करता हूँ और यहाँ इसलिए रख लेता हूँ ताकि सनद रहे
शुक्रवार, 20 मई 2016
मंगलवार, 25 नवंबर 2014
पार्कों में कचरा पेटी लगवाइये
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