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सोमवार, 23 मई 2011

कभी मुफ़्त सलाह भी दईदो ए उकील बाबू .......आज की पाती







वैसे तो मेरी ये चिट्ठी देश के तमाम अधिवक्ताओं , बार एसोसिएशनों और न्यायिक प्रशासन के नाम है , किंतु फ़िलहाल तो ये मैंने अपने यहां के दोस्तों को लिखी है , आप भी देखिए , आखिर आप भी तो दोस्त हैं न ..

3 टिप्‍पणियां:

  1. सही बात है। अधिवक्ता संघों को भी मुफ्त सलाह के लिए कोई व्यवस्था अवश्य करना चाहिए।
    कोई व्यक्ति वकील है या नहीं इस की तस्दीक किए जाने की व्यवस्था तो तुंरत की जा सकती है।

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  2. ajayji,....registered.vakeelon...ki.soochi..us.state...ke.baar..council.....ki..site..par.....high..court.mein..practice..karne..walon..ki...soochi..highcourt...ki.site...par..hoti...hai.................................jahan...tk..nishulk..salah...ki..baat..hai.to..uske....liye...hr...vakeel..........tayar..rahata..hai..aur..kuch...ngo....bhi...kaam....karte...hai.....lekin....ab..kaun..kitna...sahi..hai..ye...nahi..kaha..ja..skta..hai..

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आप मुझे इस मिशन के लिए रास्ता दिखाते रहिएगा .....मुझे इसकी जरूरत है