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शनिवार, 11 जून 2011

बिन काम , ना मिलेगा दाम , सुन ल्यो नेताजी ......आज की चिट्ठी





पिछले कुछ सालों से संसंद सत्र में करोडों रुपए की बर्बादी और राजनेताओं की हुल्लड हू देखते रहने के बाद मुझ जैसे आम आदमी की समझ में यही आया कि जब , हम गली में कूडा उठाने वाले  से लेकर दूध और अखबार  देने वाले तक को सिर्फ़ उसके काम के बदले ही पैसे देते हैं , तो फ़िर आखिर इन तमाम राजनेताओं को आखिर किस बात के लिए वेतन और भत्ता दिया जाए । इन्हें अब ये साबित करना होगा कि , इन्होंने इतना काम तो किया ही है कि उनको , हमारी ही कमाई काट के दिए गए टैक्स में से दी जाने वाली तनख्वाह दी जानी चाहिए ...तो इसलिए ये पाती लिख डाली हमने ...ठीक किया न ??

4 टिप्‍पणियां:

  1. संसद में प्रश्न पूछने के! आया समझ में और हल्ला मचने के.....

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  2. बिल्कुल ठीक किया. बधाई.

    हर पत्र के नीचे अंत में यह जरुर लिखें कि इस पत्र का स्कैन आम जनता के लिए (ब्लोग पता पोस्ट का) पर रखा जा रहा है. जनता आपके जबाब की प्रतिक्षा में है.

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  3. जी सुझाव के लिए बहुत बहुत शुक्रिया उडन जी । मैं आगे से इसका ख्याल रखूंगा । इसी तरह मार्गदर्शन करते रहें

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आप मुझे इस मिशन के लिए रास्ता दिखाते रहिएगा .....मुझे इसकी जरूरत है